कांवड़ यात्रा के छठे दिन पंडरिया विधायक भावना बोहरा और कांवड़ियों ने डोंगरिया महादेव की पूजा कर बोड़ला के लिए किया प्रस्थान, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा जी और बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला जी ने स्वागत कर मंगलमय यात्रा की शुभकामनाएं दी।

कवर्धा,, पंडरिया,,नर्मदा मंदिर अमरकंटक से भोरमदेव मंदिर तक कांवड़ यात्रा के छठवें दिन आज पंडरिया विधायक एवं कांवड़ यात्रियों ने डोंगरिया महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना कर छत्तीसगढ़ की समृद्धि एवं प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना कर बोड़ला के लिए प्रस्थान किया। कांवड़ यात्रा डोंगरिया से महामाया मंदिर पांडातराई, खरहट्टा चौक, कुसुमघटा, नेउरगाँव से बोड़ला पहुंची जहाँ हजारों की संख्या में भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ता, विभिन्न सामाजिक एवं हिन्दू संगठन व क्षेत्रवासियों ने पंडरिया विधायक भावना बोहरा एवं कांवड़ियों का स्वागत किया गया। इसके साथ ही प्रदेश के उप मुख्यमंत्री  विजय शर्मा जी एवं बेलतरा विधायक  सुशांत शुक्ला जी ने भी भावना बोहरा और उनके साथ यात्रा में शामिल सभी कांवड़ियों का स्वागत व अभिनंदन किया एवं मंगलमय यात्रा की शुभकामनाएं दी। इस दौरान सुशांत शुक्ला भी भावना बोहरा और कांवड़ यात्रियों के साथ पांडातराई से बोड़ला तक पद यात्रा की। यात्रा के अंतिम दिन 27 जुलाई को पंडरिया विधायक भावना बोहरा और सभी कांवड़ यात्री सुबह 7 बजे बोड़ला से यात्रा प्रारंभ करेंगे और दोपहर 12 बजे भोरमदेव मंदिर में शिवजी की पूजा-अर्चना एवं जलाभिषेक कर छत्तीसगढ़ वासियों की सुख-समृद्धि एवं प्रदेश की खुशहाली की कामना के साथ ही यह यात्रा पूर्ण होगी।

इस अवसर पर भावना बोहरा ने कांवड़ यात्रा में सहभागी बनने और पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत करने क लिए उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा जी, समस्त भाजपा पदाधिकारी कार्यकर्ता, युवा एवं महिला मोर्चा के सदस्यों, विभिन्न सामाजिक व हिन्दू संगठनों तथा जनता के प्रति आभार व्यक्त किया। भावना बोहरा ने कहा कि सनातन संस्कृति में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व है। यह आस्था का वो प्रवाह है, जो सर्व समाज और देश को भक्ति की एकता में जोड़ता है। इसी भक्ति भावना से शक्ति प्राप्त करके हम छत्तीसगढ़ की समृद्धि और प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना लेकर माँ नर्मदा, अमरकंटक से भोरमदेव मंदिर की कांवड़ यात्रा पर निरंतर गतिमान है। विगत छः दिनों में अमरकंटक से निकली हमारी यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आए, घने जंगलों, उफनती नदियों, पहाड़ों एवं तेज बारिशों का सामना करते हुए हमारी यात्रा भगवान भोलेनाथ एवं माँ नर्मदा के आशीर्वाद से निरंतर आगे बढ़ रही है और भोलेनाथ जी कृपा से कल हम अपने अंतिम पड़ाव की ओर बोड़ला से भोरमदेव मंदिर की ओर प्रस्थान करेंगे। मैं इस अवसर पर कबीरधाम जिले के समस्त शिवभक्तों को बी निवेदन करती हूँ कि वे भोरमदेव मंदिर में रविवार को जरुर पधारें और भगवान भोलेनाथ जी का जलाभिषेक करके इस पुण्य यात्रा के सहभागी बनें।

भावना बोहरा ने आगे कहा कि कांवड़ यात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह आत्म-संयम, धैर्य और दृढ़ संकल्प का प्रतीक भी है। यह हमें जीवन में कठिनाइयों का सामना करने की प्रेरणा देता है। यह हमें अपने भीतर की शक्ति को पहचानने और जीवन को सकारात्मक दृष्टिकोण से जीने की प्रेरणा देती है। कांवड़ यात्रा केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि आस्था, भक्ति, समर्पण और मानवता का एक अनूठा संगम है। हर वर्ष, लाखों भक्त कठिन रास्तों को पार करते हुए, आराध्य भोलेनाथ को जल अर्पित करने के लिए इस यात्रा पर निकलते हैं। यह यात्रा केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक भी है। यह हमें सिखाती है कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ आएँ, सच्ची भक्ति और दृढ़ संकल्प के साथ हम हर बाधा को पार कर सकते हैं।कांवड़ यात्रा का हर कदम हमें आत्म-नियंत्रण, धैर्य और सहनशीलता का पाठ पढ़ाता है। यह यात्रा हमें यह भी सिखाती है कि समाज में एकता और भाईचारे का कितना महत्व है। मैं सभी शिवभक्तों से आग्रह करती हूँ कि हम सनातन संस्कृति के इस गौरवशाली विरासत को संजोएँ और कांवड़ यात्रा में सहभागी बनकर अपनी आस्था और एकता को और मजबूत करें।

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