नशीली दवाओं के दुरुपयोग और नशीली दवाओं के उन्मूलन के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

कवर्धा। जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती सत्यभामा अजय दुबे के निर्देशानुसार आज नालसा (नशीली दवाओं के दुरुपयोग और नशीली दवाओं के उन्मूलन के पीड़ितों के लिए कानूनी सेवाएं) योजना, 2015 के महत्वपूर्ण प्रावधान तथा नशीली दवाओं के दुरूपयोग के दुष्परिणाम के प्रति जागरूकता एवं विधिक प्रावधानों के अधिक प्रचार-प्रसार के लिए नवीन ए.डी.आर. भवन, जिला न्यायालय परिसर में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
न्यायाधीश पल्लव रघुवंशी ने कार्यक्रम में उपस्थित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण, ड्रग निरीक्षक, समस्त मेडिकल संघ के पदाधिकारियों एवं दवा विक्रेताओं को नशीली दवाओं के दुष्परिणाम के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि नशीली दवाओं को अनाधिकृत रूप से बेचे जाने पर एनडीपीएस अधिनियम के तहत सजा का प्रावधान है। साथ ही यदि कोई नशा के आदि है, तो मादक पदार्थों की लत का इलाज किया जा सकता है।
सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अमित प्रताप चन्द्रा ने बताया कि चिकित्सक के द्वारा जारी पर्ची के आधार पर ही दवा विक्रय किया जाए, क्योंकि चिकित्सक के द्वारा संबंधित व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए आवश्यकता के अनुसार दवा प्रदाय किए जाने के लिए पर्चा (प्रिस्क्रिप्शन) लिखा जाता है, परन्तु नशीली दवा के अभ्यस्थ व्यक्ति द्वारा बिना पर्चे के नशीली दवा का सेवन कर उसका दुरूपयोग किया जाता है। इसलिए चिकित्सक के द्वारा जारी पर्ची के अनुसार ही दवा विक्रय किया जाए पर्चे के बिना नहीं। इसके साथ-साथ दवा विक्रेता एवं दवा से जुड़े सभी लोगां की यह जिम्मेदारी है कि स्वापक औषधियॉ मनः प्रभावी अधिनियम 2014 के प्रावधानों का पालन करे। कार्यशाला में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन महेश कुमार सूर्यवंशी, ड्रग इस्पेक्टर, अनिल दानी, अमित बरड़िया अन्य पदाधिकारीगण एवं संघ के लगभग 30 दवा विक्रेता सदस्यगण उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल बनाने में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कबीरधाम के समस्त स्टॉफगण एवं पैरालिगल वालिन्टियरगण का सहयोग रहा।

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